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पारुल विश्वविद्यालय ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों, चिकित्सा विशेषज्ञों और नेचुरोपैथ्स के लिए आयुर्वेदिक स्त्रीरोग विज्ञान में ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की

ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम 3 जनवरी, 2026 से आरंभ होगा

वडोदरा, भारत — आयुर्वेद चिकित्सा की प्रैक्टिस को विश्व स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पारुल विश्वविद्यालय ने कनाडियन कॉलेज ऑफ आयुर्वेदा एंड योग के सहयोग से 6 महीने का, सप्ताहांत आधारित, ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम (Certificate Course) इन आयुर्वेदिक गायनेकोलॉजी शुरू करने की घोषणा की है। यह विशेष पाठ्यक्रम भारत और विदेशों में कार्यरत आयुर्वेदिक डॉक्टरों, चिकित्सा विशेषज्ञों और नेचुरोपैथ्स के लिए तैयार किया गया है तथा इसका आरंभ 3 जनवरी, 2026 से होगा।

यह घोषणा पारुल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा के डीन और प्रिंसिपल प्रो. डॉ. हेमंत डी. तोशिखाने द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई। डॉ. तोशिखाने ने स्त्रीरोग विज्ञान (Gynaecology) में उन्नत आयुर्वेदिक प्रशिक्षण की वैश्विक मांग पर बल देते हुए बताया कि इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य पेशेवरों को जटिल स्त्रीरोग विकारों के आयुर्वेदिक उपचार की गहन जानकारी प्रदान करना है।

डॉ. तोशिखाने ने कहा:
“पारुल विश्वविद्यालय और कनाडियन कॉलेज ऑफ आयुर्वेदा के बीच यह सहयोग आयुर्वेदिक शिक्षा के वैश्विक विस्तार की दिशा में एक मील का पत्थर है। यह पाठ्यक्रम महत्वपूर्ण स्त्रीरोग संबंधी विकारों जैसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), डिसफंक्शनल यूटेराइन ब्लीडिंग, मेनोरेजिया (अत्यधिक मासिक रक्तस्राव), एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉइड्स, यूटेराइन प्रोलैप्स, ओवरी कैंसर, गर्भपात, बांझपन की समस्याओं आदि के आयुर्वेदिक उपचार पर गहन प्रशिक्षण प्रदान करेगा।”

यह पाठ्यक्रम न केवल आयुर्वेदिक स्नातकों के लिए बल्कि अमेरिका, कनाडा, यूके, यूरोप और एशिया जैसे देशों में कार्यरत चिकित्सा विशेषज्ञों और नेचुरोपैथ्स के लिए भी तैयार किया गया है, जिससे उन्हें अपनी प्रैक्टिस में आयुर्वेदिक सिद्धांतों को सम्मिलित करने का एक अनूठा अवसर मिलेगा। डॉ. तोशिखाने ने आगे कहा कि यह कार्यक्रम आयुर्वेदिक चिकित्सकों और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए वैश्विक स्तर पर नए करियर अवसरों के द्वार भी खोलेगा।

अधिक जानकारी प्राप्त करने और आयुर्वेदिक गायनेकोलॉजी प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम में पंजीकरण के लिए पारुल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा के आधिकारिक पोर्टल पर जाएं:
🔗 https://paruluniversity.ac.in/certificate/certificate-course-in-ayurvedic-gynaecology

यह पाठ्यक्रम आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य समाधानों के अग्रणी स्तर पर लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य प्राचीन ज्ञान की शक्ति का उपयोग आधुनिक स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान हेतु करना है।
संपर्क जानकारी:
पारुल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा
ईमेल: contact@paruluniversity.ac.in
वेबसाइट: www.paruluniversity.ac.in





 

विशाल सर: मोतिहारी के युवा शिक्षक और उद्यमी




विशाल कुमार, जिन्हें "विशाल सर" के नाम से भी जाना जाता है, बिहार के मोतिहारी से आने वाले एक प्रेरणादायक शिक्षक और उद्यमी हैं। 12 अप्रैल 1995 को जन्मे विशाल ने शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के क्षेत्र में तेजी से अपनी पहचान बनाई है, खासकर JEE, NEET और CUET जैसे राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
विशाल का बचपन एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। किशोर अवस्था में ही उन्होंने Kendriya Vidyalaya, मोतिहारी  से 10वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की। कक्षा दसवीं में उन्हें 10/10 CGPA मिला, और कक्षा बारहवीं में उन्होंने 500 में से 465 अंक प्राप्त कर जिला स्तर पर दूसरे स्थान पर रहे।
फिर उन्होंने JEE मेन परीक्षा दी, जहाँ उनकी रैंक आयी 11,283 और स्कोर हुआ 197/360। इन उपलब्धियों के बाद उन्होंने NIT पटना से मशीन टेक्नोलॉजी में बी.टेक. किया और 2017 में 8.6 CGPA के साथ स्नातक उत्तीर्ण किया। ग्रेजुएशन के दौरान विशाल ने पटना के NGO "Sankalp" के साथ काम किया, जहाँ वे आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैया करवाने का प्रयास करते थे।

करियर की शुरुआत और प्रेरणा
ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने मुंबई की Avanti Classes में JEE के छात्रों को भौतिकी पढ़ाना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों जैसे BYJU’S, Unacademy और Basidia Learning के साथ काम किया, जहाँ उनकी पढ़ाने की शैली और छात्रों से जुड़ने का तरीका साफ झलकने लगा।
2019 में विशाल ने अपने गृह जिला मोतिहारी में “Vishal JEE NEET Classes” की स्थापना की, जिसका उद्देश्य था कि शहर और छोटे इलाकों के छात्रों को कोटा जैसा कोचिंग अनुभव सस्ती दरों पर मिले। इस कोचिंग संस्थान ने चुनौतीपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में टॉप स्कोर करने वाले छात्र तैयार किए हैं।

विशेषताएँ और मूल्य
विशाल सर का शिक्षण तरीका केवल तार्किक अवधारणाओं पर आधारित नहीं है, बल्कि हर विद्यार्थी की व्यक्तिगत कमजोरी-पहचान करके उस पर काम करना उनकी खूबी है। वे साप्ताहिक परीक्षण, प्रेरणादायक सत्र और योजनाबद्ध पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों की प्रगति की निगरानी करते हैं।
उनका मानना है कि सफलता के लिए केवल जांच-पड़ताल ही नहीं बल्कि आत्म-विश्वास, धैर्य और निरंतर अभ्यास भी आवश्यक है। ये दृष्टिकोण कई छात्रों को बोर्ड और राष्ट्रीय परीक्षाओं में उच्च अंक प्राप्त करने में मदद कर रहा है।

उपलब्धियाँ और समाज सेवा
  • 2023 में उनकी एक छात्रा, अंवे्शा झा, ने मोतिहारी में कक्षा 10 में इतिहास में उच्च अंक प्राप्त किए, जो मोतिहारी का रिकॉर्ड भी बना।
  • उनकी निम्न-आय वर्ग के छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा की योजना है, जिसमें वो समाज के वंचित वर्गों को अवसर देना चाहते हैं।
  • Vishal JEE NEET Classes ने अनेक छात्रों को AIIMS, NIT, IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश दिलाने में मदद की है।
दृष्टि और प्रेरणा
विशाल कुमार यह स्पष्ट करते हैं कि उनका उद्देश्य केवल अच्छे अंक लाना नहीं है, बल्कि छात्रों को ऐसे अवसर देना है कि वे अपनी वास्तविक क्षमता पहचान सकें। उनका मानना है कि शिक्षा व्यक्ति को सशक्त बनाती है, न्याय और समानता लाती है।

उनके प्रेरणादायक व्यक्तित्व ने युवाओं में आत्म-विश्वास जगाया है कि हम भी क्षमतानुसार आगे बढ़ सकते हैं, चाहे संसाधन कम हों लेकिन लक्ष्य ऊँचा हो। विषाल सर युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक, एक प्रेरणा हैं कि कठिन परिश्रम और लगन से सफल किया जा सकता है।

निष्कर्ष
विशाल सर केवल एक शिक्षक नहीं, बल्कि युवाओं को आत्म-निर्भर और प्रेरित बनाने वाला मार्गदर्शक हैं। उनके प्रयासों से यह स्पष्ट है कि शिक्षा में गुणवत्ता और सच्ची लगन से क्या हासिल किया जा सकता है।
उनकी प्रेरक कहानी हमें याद दिलाती है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए दृढ़ संकल्प, स्पष्ट लक्ष्य, और अच्छी प्रणाली जरूरी होती है। प्रेरित युवाओं के लिए विषाल कुमार का जीवन उदाहरण है कि निराशा के बीच भी आशा की किरण होती है — और शिक्षा वह प्रकाशस्तंभ है जो मार्ग दिखाती है।
 

नोटों की 'गड्डी' का काला बाजार! दीपावली पर बैंकों में किल्लत,दलालों के पास भरमार—आखिर क्यों देनी पड़ती है अतिरिक्त रकम?

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विशेष रिपोर्ट: अक्षय भंडारी, एडिटर, टाइम्स ऑफ मालवा

    टाइम्स ऑफ मालवा (डिजिटल डेस्क): देश के बैंकिंग सिस्टम और मुद्रा वितरण प्रणाली की पारदर्शिता पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया है, खासकर दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार के आस-पास। ₹10 से लेकर ₹500 तक के "फ्रेश/नई नोटों की गड्डी" प्राप्त करने के लिए आम नागरिकों को उनके अपने बैंकों के बजाय, बाजार में सक्रिय अनधिकृत बिचौलियों और दलालों के पास जाना पड़ रहा है। यह बिचौलिए इस 'सुविधा' के बदले खुलकर कमीशन वसूल रहे हैं, जिसने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के व्यवस्थित मुद्रा वितरण के दावों की पोल खोल दी है।

1. त्योहारी सीज़न में कालाबाजारी: बैंक में 'ना', बाजार में 'हाँ'

  दीपावली जैसे बड़े त्योहारों, शादी-विवाह या बड़े आयोजनों के दौरान स्वच्छ और नए नोटों की मांग कई गुना बढ़ जाती है, क्योंकि लोग इसे शुभ मानते हैं या उपहार में देते हैं।

  • बैंकों का जवाब: जब ग्राहक अपनी बैंक शाखाओं से नए नोटों के लिए संपर्क करते हैं, तो उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। अक्सर यह कहकर टाल दिया जाता है कि "गड्डी में नोट उपलब्ध नहीं हैं" या "सिर्फ खुले नोट ही दिए जा सकते हैं।"

  • दलालों की उपलब्धता: हैरान करने वाली बात यह है कि बैंक से इनकार सुनने के तुरंत बाद, ये ही फ्रेश नोटों की गड्डियाँ बिचौलियों के पास आसानी से उपलब्ध होती हैं।

   बाजार सूत्रों के अनुसार, यह कमीशन प्रति गड्डी ₹100 से लेकर ₹500 तक लिया जा रहा है, जो नोटों के मूल्यवर्ग और उनकी 'नई' स्थिति पर निर्भर करता है। यह काला कारोबार सीधे तौर पर आम जनता की जेब पर बोझ डाल रहा है।

2. सवाल RBI की निगरानी पर: फ्रेश गड्डियाँ कहाँ से आती हैं?

  सबसे गंभीर और जाँच का विषय यह है कि जब नोटों की छपाई, वितरण और निगरानी की पूरी जिम्मेदारी RBI और वाणिज्यिक बैंकों की है, तो इतनी बड़ी संख्या में ये फ्रेश गड्डियाँ अनधिकृत दलालों के हाथों में कैसे पहुँच जाती हैं?

  यह विसंगति स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि वितरण प्रणाली में कहीं न कहीं गंभीर खामी मौजूद है:

  • संभावित मिलीभगत: क्या यह संभव है कि बैंक के कैश काउंटर या करेंसी चेस्ट (मुद्रा भंडार) में तैनात कुछ कर्मचारियों की सांठगांठ बिचौलियों से है?

  • वितरण का डायवर्जन: क्या RBI के मुद्रा प्रबंधन और वितरण की प्रणाली में कोई ऐसा कमजोर बिंदु है, जिसका फायदा उठाकर नोटों को सीधे आम ग्राहकों तक पहुँचने से पहले ही 'डायवर्ट' कर दिया जाता है?

  • कमजोर शिकायत तंत्र: वर्तमान में, आम जनता के पास इस तरह की कमीशनखोरी की शिकायत करने और त्वरित कार्रवाई देखने के लिए एक प्रभावी और सुलभ तंत्र का अभाव है।

3. जनता का शोषण कब रुकेगा? RBI को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता

  भारतीय रिज़र्व बैंक के स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि नोटों का विनिमय या वितरण हमेशा बिना किसी अतिरिक्त शुल्क या कमीशन के होना चाहिए। कमीशन लेना और देना दोनों ही अनैतिक और गैर-कानूनी हैं।

  यह मामला केवल कुछ रुपयों के कमीशन का नहीं है, बल्कि देश की बैंकिंग प्रणाली में विश्वास का है। आम जनता के साथ हो रहे इस सीधे शोषण को रोकने के लिए, RBI को तत्काल सख्त ऑडिट, बैंक कर्मियों की संदिग्ध गतिविधियों की गहन जाँच, और दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

   टाइम्स ऑफ मालवा आशा करता है कि RBI इस गंभीर विषय का संज्ञान लेगा और एक ऐसा पारदर्शी वितरण तंत्र स्थापित करेगा, ताकि आम नागरिक को अपने ही देश की मुद्रा को 'गड्डी' के रूप में लेने के लिए बिचौलियों के हाथों शोषित न होना पड़े।


VDG Industries Limited ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में कदम रखा, सहायक कंपनी VDG Appliances Private Limited के माध्यम से देशभर में फ्रेंचाइज़ डिस्ट्रीब्यूशन की शुरुआत


VDG Industries Limited, जो युवा उद्यमी Shubham Singh द्वारा स्थापित एक बहु-क्षेत्रीय समूह है, ने अब इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में आधिकारिक रूप से प्रवेश किया है। कंपनी ने अपनी सहायक इकाई VDG Appliances Private Limited के माध्यम से इस क्षेत्र में कदम रखा है, जिसका उद्देश्य भारत में तेजी से बढ़ती आधुनिक घरेलू और स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग को पूरा करना है। यह कदम कंपनी की उपभोक्ता बाजार में उपस्थिति को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

 

VDG Appliances Private Limited जल्द ही ऊर्जा-सक्षम और स्मार्ट उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करने जा रही है। इन उत्पादों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वे गुणवत्ता, टिकाऊपन और आधुनिक जीवनशैली की आवश्यकताओं का संतुलन बनाए रखें। कंपनी को देश के विभिन्न राज्यों से वितरकों और खुदरा विक्रेताओं की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, जिससे बाजार में इसकी संभावनाएं काफी मजबूत नजर रही हैं।

 

तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए, VDG Appliances ने पूरे भारत में फ्रेंचाइज़ डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल की शुरुआत की है। यह मॉडल देशभर के उद्यमियों और व्यापारिक साझेदारों को कंपनी के साथ जुड़कर एक स्थायी व्यवसायिक नेटवर्क बनाने का अवसर प्रदान करता है। इस पहल के माध्यम से कंपनी स्थानीय स्तर पर रोजगार और विकास के नए रास्ते भी खोल रही है।

 

इस अवसर पर Shubham Singh, Founder और Chairperson of VDG Industries Limited, ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स ऐसा क्षेत्र है जिसमें भारत की अपार संभावनाएं हैं। उनका मानना है कि VDG Appliances केवल उत्पाद नहीं बल्कि एक भरोसेमंद और मूल्य-आधारित ब्रांड के रूप में भारतीय परिवारों के बीच अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी नवाचार, गुणवत्ता और उपभोक्ता संतुष्टि पर विशेष ध्यान देती है, ताकि हर उत्पाद अपने उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बना सके।

 

यह विस्तार VDG Industries Limited के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम है। कंपनी पहले से ही ऊर्जा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, इंफ्राटेक, ऑटोमोटिव, फैशन और रिटेल जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है। इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में प्रवेश से कंपनी का पोर्टफोलियो और व्यापक हुआ है, जो इसे एक मजबूत और विविधीकृत भारतीय समूह के रूप में स्थापित करता है।

 

पूरे भारत में फ्रेंचाइज़ डिस्ट्रीब्यूशन की शुरुआत के साथ, VDG Appliances का उद्देश्य एक सशक्त खुदरा नेटवर्क विकसित करना और छोटे एवं मध्यम स्तर के उद्यमियों को विकास के नए अवसर प्रदान करना है। कंपनी का विज़न नवाचार और तकनीक के माध्यम से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में एक विश्वसनीय और अग्रणी ब्रांड के रूप में अपनी पहचान बनाना है।