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कमल यादव (अमझेरा) ने नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल से की भेंट,अमझेरा आने का दिया निमंत्रण




 


   अमझेरा: पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता कमल यादव (अमझेरा) ने हाल ही में बैतूल में नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष श्री हेमंत खंडेलवाल से उनके निजी निवास पर जाकर शिष्टाचार भेंट की और उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

  इस मुलाकात के दौरान, कमल यादव ने श्री खंडेलवाल के सहज और सरल व्यवहार की सराहना करते हुए कहा कि वे इससे अत्यंत प्रभावित हुए हैं। यादव ने प्रदेश अध्यक्ष को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा द्वापरकालीन श्री कृष्ण रुक्मणी हरण स्थली, मां अंबिका झमका परिसर में श्री कृष्ण रुक्मणी लोक के कार्यों से विस्तृत रूप से अवगत कराया।

  कमल यादव ने इस अवसर पर श्री हेमंत खंडेलवाल को मां अंबिका झमका माता के दर्शन के लिए अमझेरा आने का निमंत्रण भी दिया। प्रदेश अध्यक्ष श्री खंडेलवाल ने इस निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि वे जल्द ही अमझेरा का दौरा करेंगे।

राजगढ़ के पांच धाम माताजी मंदिर में संस्कृत वार्तालाप सत्र का शुभारंभ




 

  

  राजगढ़ (धार) : ज्योतिषचार्य परम पूज्य श्री पुरुषोत्तम जी भारद्वाज के मार्गदर्शन में अखिल भारतीय सर्व ब्राह्मण समाज राजगढ़ द्वारा संचालित संस्कार पाठशाला के तहत पांच धाम माताजी मंदिर में बच्चों के लिए संस्कृत वार्तालाप सत्र का विधिवत शुभारंभ हो गया है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को संस्कृत भाषा से जोड़कर उनकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास को प्रोत्साहित करना है। जहाँ आपके बच्चों को संस्कृत में वार्तालाप, शास्त्र अध्ययन, स्त्रोत अध्ययन और वैदिक दिनचर्या निःशुल्क प्रदान की जाएगी। पाठशाला प्रति शनिवार सांय 6 बजे एवं रविवार प्रातः 9 से 11 बजे तक आयोजित की जाती है।

  आचार्य पंडित हेमंत भारद्वाज ने कहा, "संस्कृत केवल भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, विज्ञान, दर्शन और आध्यात्म का प्रवेश द्वार है। इससे बच्चों की तार्किक क्षमता, शब्दावली और स्मरण शक्ति बढ़ती है।" समिति ने अभिभावकों से बच्चों को समय पर कक्षाओं में भेजने का आग्रह किया है ताकि वे पीछे न रह जाएं।

 यह प्रयास बच्चों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने और ज्ञान के भंडार तक पहुंच प्रदान करने का महत्वपूर्ण कदम है।




मुंबई में Dr. Ankita Dave दे रही हैं बाल चिकित्सा को एक नई दिशा

मुंबई जैसे महानगर में, जहाँ चिकित्सा सेवाएं तेज़ लेकिन अक्सर सतही होती हैं, वहीं Dr. Ankita Dave एक ऐसी बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में उभर रही हैं जो गहराई और निरंतरता को प्राथमिकता देती हैं। वह Andheri West में स्थित Niramaya Health Care में कार्यरत हैं और पिछले 14 वर्षों से बच्चों की संपूर्ण देखभाल में सक्रिय हैं।


Dr. Ankita Dave का मानना है कि बाल चिकित्सा सिर्फ बीमारियों के इलाज तक सीमित नहीं होनी चाहिए। वे बच्चों की शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक ज़रूरतों को समझते हुए एक समग्र (holistic) दृष्टिकोण अपनाती हैं। माता-पिता के साथ संवाद को वह उपचार प्रक्रिया का अहम हिस्सा मानती हैं।


उनकी विशेषज्ञता नवजात शिशु देखभाल, टीकाकरण, एलर्जी और अस्थमा प्रबंधन, पोषण परामर्श और विकासात्मक मूल्यांकन में है। उन्होंने मुंबई के सैकड़ों परिवारों के साथ दीर्घकालिक संबंध बनाए हैं, जो अपने बच्चों की हर उम्र में उनके पास लौटते हैं — infancy से लेकर adolescence तक।


Niramaya Health Care का बाल चिकित्सा विभाग, जहाँ Dr. Ankita Dave अपनी सेवाएँ देती हैं, बच्चों के अनुकूल माहौल के लिए जाना जाता है। स्वच्छता, सुरक्षा और मनोवैज्ञानिक सहजता पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि बच्चे डॉक्टर से डरने की बजाय सहज महसूस करें।


Dr. Ankita Dave सिर्फ क्लिनिक तक सीमित नहीं रहतीं। वह अक्सर माता-पिता के लिए कार्यशालाएँ आयोजित करती हैं, जैसे कि “Early Childhood Screen Exposure”, “Nutrition in Growing Years” और “Childhood Anxiety Awareness”। उनकी सत्रों में भाग लेने वाले माता-पिता बताते हैं कि वे केवल डॉक्टर नहीं, एक विश्वसनीय मार्गदर्शक हैं।


Dr. Ankita Dave का यह भी मानना है कि माता-पिता को हर चरण पर तैयारी कराई जानी चाहिए — चाहे वह टीकाकरण हो, स्कूल की शुरुआत हो या किशोरावस्था के बदलाव। उनकी anticipatory guidance पद्धति परिवारों को भविष्य की चुनौतियों के लिए पहले से तैयार करती है।


उनके पति Keyur Dave भी स्वास्थ्य सेवाओं और प्रशासन से जुड़े रहे हैं और Niramaya Health Care की रणनीतिक दिशा में सहायक भूमिका निभाते हैं। यह पारिवारिक जुड़ाव संस्था को एक स्थिर और विश्वसनीय पहचान देता है।


मुंबई में जहां डिजिटल हेल्थ ऐप्स और तेजी से बदलते हेल्थ ट्रेंड्स हावी हैं, वहीं Dr. Ankita Dave एक स्थिर और भरोसेमंद विकल्प के रूप में सामने आई हैं। उनका फोकस ‘quick fix’ की बजाय ‘long-term wellbeing’ पर है।


उनकी कार्यशैली दर्शाती है कि आधुनिक बाल चिकित्सा में तकनीक के साथ-साथ सहानुभूति, संवाद और निरंतरता की भी उतनी ही आवश्यकता है। Dr. Ankita Dave यह संतुलन बखूबी स्थापित कर रही हैं — और यही वजह है कि मुंबई के माता-पिता उन्हें एक डॉक्टर से अधिक, एक विश्वसनीय साथी मानते हैं।

मुंबई में Niramaya Health Care का नया मॉडल: इलाज नहीं, पहले परामर्श और भरोसा

तेज़ होती चिकित्सा व्यवस्था और वाणिज्यिक अस्पतालों के युग में, Andheri West स्थित Niramaya Health Care एक ऐसा चिकित्सा केंद्र बनकर उभरा है, जो इलाज से पहले संवाद और समझ को प्राथमिकता देता है। यहाँ मरीजों को सिर्फ दवाइयाँ नहीं दी जातीं, बल्कि उन्हें सुना जाता है, समझा जाता है और दीर्घकालिक स्वास्थ्य सुधार की दिशा में मार्गदर्शन मिलता है।

इस केंद्र की स्थापना दो विशेषज्ञ डॉक्टरों — Dr. Keyur Dave (Senior Nephrologist) और Dr. Ankita Dave (Pediatrician) — द्वारा की गई है, जो मरीजों को इंसान के रूप में देखने और उनसे विश्वास का रिश्ता बनाने में विश्वास रखते हैं।

डायलिसिस की सुविधा नहीं, परामर्श है प्राथमिक

Niramaya Health Care में यह बात स्पष्ट रूप से बताई जाती है कि वहाँ in-house dialysis की सुविधा उपलब्ध नहीं है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि किडनी से जुड़ी समस्याओं का समाधान यहाँ नहीं किया जाता। बल्कि Dr. Keyur Dave मरीजों को dialysis से संबंधित पूर्ण परामर्श, सही फैसिलिटी तक referral और उपचार प्रक्रिया की गहन जानकारी देते हैं।

वे मरीजों को यह समझाते हैं कि dialysis की जरूरत कब पड़ती है, उसे कैसे टाला जा सकता है और किस प्रकार की जीवनशैली इस प्रक्रिया को टालने या टालने में मदद कर सकती है। यही कारण है कि यहाँ इलाज सिर्फ फिजिकल नहीं, मानसिक और सूचना आधारित भी होता है।

दोहरी भूमिका में Dr. Keyur Dave

Niramaya Health Care में विशेषज्ञ परामर्श देने के साथ-साथ, Dr. Keyur Dave Kidney Associates Pvt. Ltd. में Director के रूप में भी कार्यरत हैं। इस भूमिका में वे शहर में kidney care की गुणवत्ता, संचालन और रणनीतिक विकास पर काम करते हैं। इस जिम्मेदारी के चलते वे मरीजों को केवल एक डॉक्टर के रूप में नहीं, बल्कि एक healthcare leader के रूप में भी मार्गदर्शन देते हैं।

बच्चों की देखभाल को नया आयाम देती हैं Dr. Ankita Dave

जहाँ एक ओर Dr. Keyur Dave वयस्कों की किडनी समस्याओं का समाधान करते हैं, वहीं Dr. Ankita Dave बच्चों की समग्र देखभाल का जिम्मा संभालती हैं। Pediatrics में 14+ साल के अनुभव के साथ, वह बच्चों के physical, emotional और behavioral health पर समान रूप से ध्यान देती हैं।

उनकी pediatric consultations में vaccination schedules, allergy guidance, nutrition counseling और बच्चों के developmental concerns जैसे मुद्दों पर संपूर्ण और संवेदनशील मार्गदर्शन दिया जाता है। माता-पिता अक्सर उन्हें केवल डॉक्टर नहीं, एक parenting mentor के रूप में भी देखते हैं।

नैतिकता, पारदर्शिता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण

Niramaya Health Care की सबसे बड़ी विशेषता है इसकी ethics-driven medical philosophy। यहाँ ना तो अनावश्यक tests कराए जाते हैं, ना ही मरीजों पर कोई इलाज थोपा जाता है। परामर्श में समय लिया जाता है, ताकि मरीज हर प्रक्रिया को समझे और खुद अपने स्वास्थ्य निर्णयों का हिस्सा बने।

मरीजों का यहाँ वर्षों तक जुड़ा रहना यह साबित करता है कि Niramaya Health Care सिर्फ एक clinic नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद health partner है।

जागरूकता और सार्वजनिक सहभागिता

Dr. Keyur Dave और Dr. Ankita Dave दोनों ही समय-समय पर health awareness campaigns, school health sessions और parenting workshops में हिस्सा लेते हैं। उनकी पहल से न केवल रोगियों, बल्कि पूरे समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ती है।

बड़ा फैसला: सरदारपुर खरमोर अभ्यारण्य का 348 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र डिनोटिफाई,अब सिर्फ वन भूमि ही रहेगी सुरक्षित।




 

(अक्षय भण्डारी)

  भोपाल, 5 जुलाई 2025: टाइम्स ऑफ मालवा को मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार ने 3 जुलाई 2025 को राजपत्र में विभिन्न वनमंडलों की परिवर्तित सीमाओं को अधिसूचित किया है। इन अधिसूचनाओं में वन भूमि और राजस्व भूमि दोनों से संबंधित सीमांकन परिवर्तन शामिल हैं, जिनका उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता और वन प्रबंधन में सुधार करना है। 

  आपको बता दे इस विभाग की अधिसूचना क्रमांक, 2410-दस-2-83, दिनांक 04 जून, 1983 में आंशिक संशोधन के माध्यम से, एल‌द्वारा, परिशिष्ट-एक में वर्णित किए गए अनुसार 348 12 वर्ग किलोमीटर राजस्व क्षेत्र को अभ्यारण्य से पृथक् करती है, जो इस अधिसूचना के मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से अभ्यारण्य नहीं रहेगा. फलस्वरूप, खरमोर अभ्यारण्य (लेजर फ्लोरिकन पक्षी) का शेष रकबा इस अधिसूचना से संलग्न परिशिष्ट-दो के अनुसार होगा.

  अतएव, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (1972 का 53) की धारा 18 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुर, राज्य सरकार, एतदद्वार, इस विभाग की अधिसूचना क्रमांक 2410-दस-2-83, दिनांक 04 जून, 1983, जो मध्यप्रदेश राजपत्र, दिनांक 24 जून 1983 में प्रकाशित की गई थी, जिसके द्वारा 348.12 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को खरमोर (लेसर फ्लोरिकन पक्षी) अभ्यारण्य घोषित किया गया था, में निम्नलिखित आंशिक परिवर्तन करती है, परिवर्तित क्षेत्रों के ब्यौरे निम्नानुसार हैं. अर्थात्


खरमोर अभ्यारण्य सरदारपुर (Kharamora Sanctuary,Sardarpur)

Details:

  • जिला (District): धार एवं झाबुआ (Dhar & Jhabua)

  • तहसील (Tehsil): सरदारपुर, पेटलावद, रामा (Sardarpur, Petlawad, Rama)

  • वनमण्डल (Forest Division): धार एवं झाबुआ (Dhar & Jhabua)

  • वन परिक्षेत्र (Forest Range): सरदारपुर, पेटलावद, झाबुआ (Sardarpur, Petlawad, Jhabua)

क्षेत्रफल (Area):

  • आरक्षित वन (Reserved Forest): -36.0636 वर्ग किलोमीटर (sq km)

  • संरक्षित वन (Protected Forest): -95.9077 वर्ग किलोमीटर (sq km)

  • राजस्व क्षेत्र (Revenue Area): -0.8631 वर्ग किलोमीटर (sq km)

कुल (Total): -132.8344 वर्ग किलोमीटर (sq km)


  यह अधिसूचना मध्य प्रदेश में वन और राजस्व भूमि के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नर्मदा परिक्रमा तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए परिक्रमा पथ का विकास होगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव




 अमरकंटक के पर्यटन विकास से नए आयाम जुड़ेंगे
आयोध्या धाम की तर्ज पर 2800 करेाड़ की लागत से चित्रकूट धाम का किया जाएगा विकास
माँ नर्मदा के उद्गम स्थल पर रामसेतु का लोकार्पण
कोतमा में 443.31 करोड़ रूपए लागत के 114 विकास कार्यों का वर्चुअल लोकार्पण एवं भूमि-पूजन

   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अमरकंटक के पर्यटन विकास में नये आयाम जोड़े जायेंगे। उन्होंने कहा कि अमरकंटक धार्मिक एवं पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध है यह त्रिवेणी नर्मदा, सोन एवं जोहिला का मायका है, मध्यप्रदेश सरकार नर्मदा परिक्रमा पथ क्षेत्र के समग्र विकास के लिये संकल्पबद्ध है। इसके तहत घाटों का विकास, अन्न क्षेत्र का विकास और वृहद वृक्षारोपण किया जाएगा। नदियां हमारी समृद्धि का माध्यम हैं और नर्मदा परिक्रमा के तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिये भवन बनाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि अनूपपुर का 13 करोड़ की राशि से निर्मित रामसेतु ऋषिकेश में बने सेतु की याद दिलाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को अनूपपुर जिले के कोतमा में आयोजित हरियाली से खुशहाली का नया परिवेश कार्यक्रम में अमृत हरित महाअभियान तथा हितग्राही सम्मेलन को रीवा से वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोतमा में आयोजित हितग्राही सम्मेलन में रिमोट का बटन दबाकर 443.31 करोड़ रुपए की लागत वाले 114 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने नीट एण्ड जेईई कोचिंग, अमरकंटक में नर्मदा नदी पर 13 करोड़ रूपए की लागत से प्रसाद योजना के तहत राम घाट पर बनाए गए रामसेतु का लोकार्पण किया।

   मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य और केन्द्र की सरकार प्रदेश में धार्मिक एवं आस्था वाले तीर्थ स्थानों का लगातार विकास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या धाम की तर्ज पर 2800 करोड़ की लागत से चित्रकूट धाम का भी विकास किया जाएगा। राज्य और केंद्र की सरकार 1450 किलोमीटर लंबा राम वन गमन पथ तैयार करने पर कार्य कर रही है। बदलते दौर के मध्यप्रदेश में सभी क्षेत्रों में विकास सुनिश्चित किया जाएगा।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अनूपपुर जिले में नीट एवं जेईई की नि:शुल्क प्रवेश परीक्षा की तैयारियों के लिए 84 शासकीय स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत एक अभिनव और अनुकरणीय पहल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अनूपपुर के लोगों को स्वच्छ पेयजल, बेहतर सड़क सुविधा और युवाओं को बेहतर शिक्षा मिलेगी। अनूपपुर में नए केंद्रीय विद्यालय का निर्माण हो रहा है। आज सोन बैराज का भूमि-पूजन हुआ है, इससे सिंचाई और पेयजल के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध होगा। शीघ्र ही लगभग 13 करोड़ की लागत से इनडोर स्टेडियम और स्टेडियम तैयार किया जाएगा।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को गुरुपूर्णिमा की अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि आगामी 10 जुलाई को गुरुपूर्णिमा के अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों को साईकल वितरण तथा शिक्षा संस्थानों का लोकार्पण किया जाएगा। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार कार्य कर रही हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग से प्रदेश सरकार किसान, महिला, युवा, गरीब के जीवन को बेहतर बनाने के लिए संकल्पित है। प्रदेश में महिलाओं को शासकीय सेवाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाड़ली बहना योजना की पात्र हितग्राहियों को रक्षाबंधन से पहले अतिरिक्त 250 रुपए शगुन के रूप में मिलेंगे। दीपावली के बाद भाई दूज से लाडली बहनों को हर महीने 1500 रुपए दिए जाएंगे। राज्य सरकार संकल्प पूरा करते हुए 2028 तक 3000 रुपए बहनों के खातों में भेजेगी। इस अवसर पर उन्होंने वीरांगना रानी दुर्गावती और लोकमाता अहिल्या बाई का स्मरण करते हुए कहा कि इनकी अद्भुत प्रशासन क्षमता आज भी हम सब का मार्गदर्शन कर रही है।

   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के 2 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय एक लाख 52 हजार रुपए हो गई है। प्रदेश सरकार ने स्कूली विद्यार्थियों को पढ़ाई में असुविधा न हो, इसके लिए समय पर पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध कराने का काम किया है। आगामी दिनों में गणवेश, स्कूटी, साईकल का भी वितरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 जुलाई को गुरुपूर्णिमा के अवसर पर विद्यार्थियों को साईकिलों का वितरण किया जाएगा। सांदीपनि विद्यालय के रूप में हमारी शिक्षा व्यवस्था को एक अनुपम सौगात मिल रही है।

  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पंप दिए जा रहे हैं। प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सिंचाई रकवे का विस्तार, गौसंवर्धन बोर्ड के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के लिए दुधारू पशु-पालन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे प्रदेश में दुग्ध उत्पादन भी बढेगा।

   मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के शासकीय अधिकारियों-कर्मचारी की 9 साल से अटकी पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारंभ करने की मंजूरी दी गई है। लगभग 2 लाख नए शासकीय पदों पर भर्ती की संभावना बनेगी। इसी के साथ प्रदेश स्तर पर एक लाख पदों के लिए नई भर्तियों का अभियान चल रहा है। राज्य सरकार ने सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वालों को राहगीर योजना के अंतर्गत 25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की योजना शुरू की है। प्रदेश के गरीब जरूरतमंदों को बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि देहदान करना मानवता के प्रति संवेदना का प्रतीक है। देहदान करने से मानव अमर हो जाता है। प्रदेश सरकार ने देहदान करने वाले व्यक्तियों को गार्ड ऑफ ऑनर देने का निर्णय लिया है

   वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री तथा अनूपपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में प्रदेश का तेजी से विकास हो रहा है, प्रदेश में औद्योगीकरण तथा धार्मिक स्थलो का विकास किया जा रहा है, इससे युवाओं को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार विरासत से विकास के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। जिले में नई औद्योगिक कंपनियों ने अपने काम शुरू कर दिए हैं।

कार्यक्रम में अध्यक्ष राज्य कोल विकास प्राधिकरण श्री रामलाल रौतेल, अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती प्रीति रमेश सिंह सहित नगरीय एवं ग्रामीण निकायों के अध्यक्ष, गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव 5 जुलाई को ग्वालियर में समरसता सम्मेलन में होंगे शामिल,सामाजिक समरसता से सशक्त समाज और राष्ट्र का निर्माण : मुख्यमंत्री डॉ. यादव




 

  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि समाज के सर्वांगीण विकास और सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की सामाजिक समरसता की भावना के अनुसार सतत प्रयासरत है। उन्होंने कहा है कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश के सामाजिक परिदृश्य में तेजी से सकारात्मक बदलाव आ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कहना है कि विकास की मुख्यधारा में हर वर्ग को साथ लेकर चलने से ही सामाजिक एकता मजबूत होती है। सामाजिक समरसता ही वह भावना है जो कठिन परिस्थितियों में भी परस्पर सहयोग और मदद के लिए प्रेरित करती है। सशक्त समाज से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है।

  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में ग्वालियर में शनिवार को समरसता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ग्वालियर के जौरासी गांव में बनने वाले अंबेडकर धाम का भूमि-पूजन करेंगे। यह स्थल सामाजिक समरसता, न्याय और समानता के प्रतीक डॉ. अंबेडकर के विचारों का जीवंत केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री इस अवसर पर विभिन्न शासकीय योजनाओं के हितग्राहियों को लाभ वितरित करेंगे, सामाजिक समरसता की शपथ दिलाएंगे और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले नागरिकों को सम्मानित करेंगे। कार्यक्रम में सामाजिक एकता पर विषय विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त करेंगे। इस अवसर पर सहभोज का आयोजन भी किया गया है।

दृढ़ सामाजिक समरसता के लिए संकल्पित सरकार

   राज्य सरकार ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों और योगदान को सम्मान देते हुए सामाजिक समरसता को सशक्त करने के लिए शिक्षा, रोजगार, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक न्याय को केंद्र में रखकर कई योजनाएं शुरू की हैं।

   डॉ. अंबेडकर के जीवन, विचारों और योगदान को सम्मान देते हुए अनुसूचित जाति वर्ग के सशक्तिकरण के लिए राज्य शासन की कई प्रभावी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। योजनाओं का उद्देश्य सामाजिक समरसता, आर्थिक उन्नयन, शैक्षिक प्रगति और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण करना है।

  डॉ. अंबेडकर से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों — महू (जन्मस्थली), दिल्ली (महापरिनिर्वाण स्थल), नागपुर (दीक्षाभूमि), मुंबई (चैत्यभूमि) और लंदन (शिक्षा स्थल) — को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में शामिल किया गया है। महू स्थित डॉ. अंबेडकर की जन्मस्थली का समग्र विकास किया गया है, जिसमें स्मारक, संग्रहालय, पार्क, सभागार और स्वागत द्वार का निर्माण हुआ है। साथ इस “आस्था स्थल” और अंतरराष्ट्रीय शोध केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में भी कार्य चल रहा है।भोपाल स्थित डॉ. अंबेडकर स्मारक, पुस्तकालय और भवन का भी नवीनीकरण एवं विस्तार किया गया है।

  राज्य में वर्ष 2004 से संचालित डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण और ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। हाल ही में डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन और पशुपालकों को आर्थिक सहयोग प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत 42 लाख तक के ऋण पर 33% तक की सब्सिडी दी जा रही है। डॉ. अंबेडकर उद्योग उदय योजना के माध्यम से एससी-एसटी उद्यमियों को एमएसएमई क्षेत्र में प्रोत्साहन और वित्तीय सहयोग दिया जा रहा है।

  डॉ. भीमराव अंबेडकर मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार योजना के अंतर्गत बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों को 30 हजार रुपये तक का पुरस्कार दिया जाता है। डॉ. अंबेडकर छात्रवृत्ति योजना और अंबेडकर फेलोशिप के जरिए उच्च शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन को बढ़ावा दिया जा रहा है। सीहोर और मुरैना में स्थापित डॉ. अंबेडकर तकनीकी शिक्षा संस्थानों में आवासीय प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।

  सागर जिले में डॉ. अंबेडकर वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना अप्रैल माह में की गई है। भोपाल में प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाई-ओवर का नामकरण डॉ. अंबेडकर के नाम पर किया गया है। जून 2025 में अंबेडकर गौशाला विकास योजना को मंजूरी दी गई, जिसके तहत 5 हजार से अधिक पशुओं वाली गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

  डॉ. अंबेडकर सामाजिक समरसता अभियान के तहत प्रदेशभर में पंचायत स्तर तक जनसंवाद, रैलियाँ, नाटक, प्रतियोगिताएं और संविधान जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। प्रदेश के कई बस स्टैंड, सड़कें, उद्यान, पुस्तकालय एवं महाविद्यालयों का नामकरण डॉ. अंबेडकर किया गया है। वर्ष 2016 में महू रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अंबेडकर नगर स्टेशन किया गया।

  केन्द्र सरकार ने डॉ. अंबेडकर के विचारों, योगदान और आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। इनका उद्देश्य सामाजिक न्याय, शिक्षा, सशक्तिकरण और समावेशी विकास को मजबूती देना है। डॉ. अंबेडकर को वर्ष 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया, जो उनके ऐतिहासिक योगदान का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान था।

  डॉ. अंबेडकर की स्मृति से जुड़े बड़ोदरा स्थित संकल्प भूमि ‘बनयान ट्री कैंपस’ और सतारा (महाराष्ट्र) स्थित प्रताप राव भोंसले हाई स्कूल को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक घोषित किया गया है। यहां उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई थी। सामाजिक न्याय मंत्रालय ने देश के कई विश्वविद्यालयों में डॉ. अंबेडकर सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है, जिनका उद्देश्य अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा में सहायता प्रदान करना है। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने हेतु केंद्र सरकार ने डॉ. अंबेडकर के सम्मान में भीम ऐप (BHIM App) की शुरुआत की, जो भारत के डिजिटल वित्तीय सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया है।

  डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय सामाजिक सहयोग एवं सशक्तिकरण संस्थान द्वारा डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र (DACE) योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

  मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं केवल कल्याणकारी ही नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता को जीवन में उतारने की दिशा में प्रभावी कदम हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य एक ऐसे समाज की ओर अग्रसर है, जहां सभी वर्गों को समान अवसर और सम्मान के साथ विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा रहा है।